भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)
केन्द्रीय कमेटी
प्रेस विज्ञप्ति
18 जून 2011
4 से 11 जुलाई तक मध्य रीजन में विरोध सप्ताह मनाया जाए!
नारायणपुर जिले (माड़ क्षेत्र) के बीचोबीच बसाये जा रहे
सेना के प्रशिक्षण केन्द्र को तत्काल बंद करो!
छत्तीसगढ़
राज्य के नारायणपुर
जिले में 750 वर्ग किलोमीटर
के क्षेत्र में भारतीय सेना के लिए
एक काउण्टर-गुरिल्ला
प्रशिक्षण
केन्द्र
शुरू किया जा रहा
है। यह इलाका
एक प्राचीन आदिवासियों
का जीवन-स्थल
है। इन्हीं आदिवासियों
के बारे में
विगत दो दशकों
से सरकार का कहना
है कि यह
कबीला विलोप के कगार
पर है। आज
यहां के एक
बड़े भू-भाग
पर सैनिक अड्डा बसाना उस प्रक्रिया
को और तेज
करने के सिवाए
कुछ नहीं है। ‘माओवादी
शीर्ष नेताओं ने इन
पहाड़ों
को अपना अड्डा
बनाया है और
यहां पर उनकी
भूमिगत
गतिविधियां
खुलेआम
चलती हैं’ कहकर छत्तीसगढ़
सरकार ने विगत
पांच सालों से इस
क्षेत्र
को एक सैनिक
छावनी में तब्दील किया हुआ है। विगत
दो साल से
यहां पर ग्रीन
हंट ऑपरेशन के तहत
सघन सैनिक अभियान चलाया जा रहा
है। आज यहां
पर एक सैनिक
प्रशिक्षण
केन्द्र
खोलना यहां के आदिवासियों
के अस्तित्व के लिए
एक बड़ा खतरा
बन गया है।
वास्तव
में इसके पीछे कारण यह है
कि यहां के
बहुमूल्य
खनिज सम्पत्ति
को लूटकर ले जाना
उनका मकसद है। यहां की
जनता इसका पुरजोर विरोध कर रही
है। इस तीखे
जन विरोध को कुचलने
के षड़यत्र से सेना
को तैनात किया जा
रहा है। हमारी पार्टी इसकी घोर निंदा करती है
और जनता से
आह्वान
करती है कि
इसके विरोध में जन संघर्ष
को तेज किया
जाए।
माड़ क्षेत्र से सैनिक
प्रशिक्षण
केन्द्र
के प्रस्ताव को तुरंत
रद्द करने की मांग
से 4 से 11 जुलाई तक मध्य
रीजन के छत्तीसगढ़,
आंध्रप्रदेश,
महाराष्ट्र
और आध्रप्रदेश-ओड़िशा सीमा क्षेत्र
में आयोजित ‘विरोध सप्ताह’ सफल बनाया जाए। भारत
की व्यापक जनता और जनवाद
के प्रेमियों व आदिवासियों
के हितैषियों से हमारी
अपील यह है
कि वे इस
विरोध सप्ताह को सफल
बनाने हेतु आगे आएं।
भारतीय सेना के जवानों
से हमारी अपील यह
है कि वे
लुटेरे
शासक वर्गों के हित
में आदिवासी
जनता के खिलाफ
युद्ध मत करें।
‘माओवादी’
के बहाने जनता पर
फायरिंग
मत करें।
(प्रताप) (अभय)
प्रवक्ता प्रवक्ता
मध्य रीजनल
ब्यूरो केन्द्रीय
कमेटी
भाकपा (माओवादी) भाकपा
(माओवादी)